tag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post6282341900873363959..comments2023-06-05T16:26:55.142+05:30Comments on नवोत्पल : #33# साप्ताहिक चयन 'कविता की खोज में' / अभिषेक आर्जवDr. Shreesh K. Pathakhttp://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-28206955869590211822010-06-23T15:24:21.601+05:302010-06-23T15:24:21.601+05:30अभिषेक जी आपकी कविता पढ़ते पढ़ते रघुवीर सहाय जी की...अभिषेक जी आपकी कविता पढ़ते पढ़ते रघुवीर सहाय जी की एक कविता याद आ गई ।<br /><br />आज फिर शुरू हुआ जीवन<br /><br />आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ी<br />आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा<br /><br />जी भर आज मैंने शीतल जल से स्नान किया<br /><br />आज एक छोटी-सी बच्ची आयी,किलक मेरे कन्धे चढ़ी<br />आज मैंने आदि से अन्त तक पूरा गान किया<br /><br />आज फिर जीवन शुरू हुआ।<br />यहाँ इस कविता में कवि अपने जीवन के छोटे छोटे क्षणों में भी कविता ढूँढ लेता है ।<br />इधर कवि अपने जीवन से बाहर निकल समाज में कविता ढूँढता और जब सब कुछ उसके साथ अच्छा घटता है तो आख़िरकार नहीं ही जन्मती कविता । कविता का सबसे पार्ट कवि जिस जीवन में जाता शब्द भी वैसे ही चुनता है ।<br />काफी दिनों बाद किसी बहोत अच्छी कविता से रूबरू होने का मौका मिला धन्यवाद अभिषेक जी एक अच्छी कविता से परिचय करने के लिए ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14636237724915170925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-70570654944880218552010-06-23T15:22:13.733+05:302010-06-23T15:22:13.733+05:30This comment has been removed by the author.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14636237724915170925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-5099229657844339102010-06-23T15:22:13.732+05:302010-06-23T15:22:13.732+05:30This comment has been removed by the author.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14636237724915170925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-26905430249129451072010-06-22T12:19:37.223+05:302010-06-22T12:19:37.223+05:30Beautiful creation !
Badhaii.Beautiful creation !<br /><br />Badhaii.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-62637481397431725762010-06-22T08:13:10.364+05:302010-06-22T08:13:10.364+05:30"जिस दिन सब कुछ अच्छा रहता है
उस दिन नहीं जन्..."जिस दिन सब कुछ अच्छा रहता है<br />उस दिन नहीं जन्मती कोई कविता ।"<br /><br />वाकई अभिषेक..पर देखो तुमने कैसे करीने से कविता उकेर ली..!Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-52139648657981175082010-06-22T08:07:36.200+05:302010-06-22T08:07:36.200+05:30क्या खूब लिखा है भाई..सच में मजा आ गया..इतना सरल औ...क्या खूब लिखा है भाई..सच में मजा आ गया..इतना सरल और इतना प्रवाह...भई मै तो फैन हो गया आपका..शानदार लेखनी "आर्जव"...बेहद ही शानदार..!Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-27937397859598618792010-06-21T16:43:16.526+05:302010-06-21T16:43:16.526+05:30अभिषेक जी ! भई बहुत सुन्दर रहा आपका यह सफर ..कविता...अभिषेक जी ! भई बहुत सुन्दर रहा आपका यह सफर ..कविता सा ही कविता की तलाश में.. "निकम्मे-से ऊंचे ताड़ के झुरमुट में बया के घोंसले सी टंगी कहीं मिल जाय कोई कविता... शायद आज भी कोई अपनी अधूरी चाह की तड़पन का एक धागा फिर लपेट गया हो वहां!" <br />खूब ऊंची उड़ान भरते हैं आप .. वधाई !श्याम जुनेजाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2325202968202903361.post-88625813538695757612010-06-21T16:26:35.337+05:302010-06-21T16:26:35.337+05:30....बहुत खूब!!!!....बहुत खूब!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.com